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निष्क्रिय11 घंटे पहले
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हिमाचल के बाजार जिले के करसोग से पांच बार के विधायक और तीन बार के मंत्री मनसा राम का आज निधन हो गया है। वे आईजीएमसी पैसिफिक में अंतिम सांस ली। आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल राव ने इसकी पुष्टि की है।
मनसा राम काफी समय से किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहे थे और एक महीने से आईजीएमसी में उपचाराधीन थे। एमएस ने बताया कि पूर्व मंत्री के शव को देर शाम तक उनके पेतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार कल होगा।




विकलांग मंत्री मनसा राम, हिमाचल निर्माता डॉ.यशवंत सिंह परमार के साथ (दांये से पहले नंबर पर)
1967 में पहली बार विधानसभा पहुंचे मनसा राम
मनसाराम पहली बार 1967 में निर्दलीय चुनाव लड़े और 25 साल की उम्र में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। तब उन्होंने सबसे कम उम्र में विधायक बनकर कीर्तिमान बनाया। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। अगले चुनाव में वे 1972 में कांग्रेस से लड़े और दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।
डॉ. परमार कैबिनेट में 31 साल के मंत्री बने
हिमाचल निर्माता डा. वाईएस परमार के नेतृत्व वाली सरकार में मनसाराम 31 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बने। तब उन्हें वन विभाग का अधिकार दिया गया। वर्ष 1982 में वे एक बार फिर निर्दलीय सहयोगी चुनाव लड़े और जीत गए।




1998 में हिविंका से चुनाव जीते, धूम सरकार में मंत्री बने
वर्ष 1998 में उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस (हिविकां) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। आखिरी पांचवीं बार वह 2012 के चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे। तब उन्हें पूर्व वीरभद्र सिंह ने मुख्य सचिव (CPS) बनाया।
मनसाराम हिमाचल में डॉ. यशवंत सिंह परमार, राम लाल ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल और वीरभद्र सरकार में मंत्री व सीपीएस रहे।
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