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पवन ठाकुर, सोलनएक घंटा पहले
हिमाचल के सोलन की वैशाली (बदला नाम) के माता-पिता के खाते में आने के बाद कोई ऐसा नहीं था जो उसकी शादी का खर्च उठा सके। रस्म-रवाज और धूमधाम से शादी की उनका ख्वाहिश यूं ही दम तोड़ देता है, लेकिन मां शूलिनी सेवादल संस्था ने अपना यह सपना पूरा कर दिया। शादी का पूरा खर्च भी एक साथ ही उसके जीवन की हर रोज के लिए काम आने वाली चीजें भी अधिगृहीत।
अब तक ऐसी संस्था ने 40 गरीबों और चिड़ियों की शादी का खर्च उठा लिया है।
गरीब और दस्तावेज कन्याओं की शादी करवाना सेवादल का एक काम है, इसके अलावा कई अन्य सामाजिक सरो भारतीयों से जुड़ी संस्था है। यह सोच है कि सोलन संस्थान शहर में कोई भूखा नहीं रहे। इसके लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था भी है। यह संस्था 2014 में सोलन के शूलिनी मेले में लॉन्गर को लेकर बनी हुई थी। कुछ दोस्त से शुरू हुए इस कारवां में 250 परिवार जुड़े हैं, जो इन नेक काम में मदद करते हैं।




दैनिक मालरोड संस्थाएं मुफ्त खाना देती हैं।
शादी का पूरा खर्च उठाने वाली संस्था
मां शूलिनी सेवा दल के प्रमुख सुशील चौधरी दे रहे हैं सबसे पहले एक गरीब कन्या की शादी करवाई। फिर इसे औपचारिक रूप से अपना लिया। कन्याओं की शादी पूरे हिंदू रिति-रिवाज से शूलिनी माता मंदिर परिसर में करवाई जाती है। बारात और अन्य संपूर्ण व्यय संस्था उठाती है। कन्या के परिवार का एक घंटा भी खर्च नहीं होता है। डॉट्स, बेड से लेकर घर का सारा सामान भी कन्या को दिया जाता है।
अगले माह फरवरी में संस्था ऐसी 5 शादियां करवा रही है।
विशेष बच्चों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर
इस संस्थान की ओर से मानसिक रूप से विशेष बच्चों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी विचार किए जा रहे हैं। इसमें जालंधर के विशेषज्ञ डॉ. मावी की टीम बच्चों का चेकअप करती है। कैंप में आने वाले बच्चे और टूटे हुए ब्रेक फास्ट व टैग देते हैं। सुशील चौधरी ने कहा कि अब तक ऐसे 15 कैंप लग चुके हैं। ये पूरे हिमाचल से लोग अपने बच्चों को दिखा रहे हैं।
जो बच्चे कभी नहीं बैठ सकते थे वे आज खाना खुद खाने लगे।
मालरोड पर रोज़ाना मुफ्त भोजन
शहर में कोई भूखा न रहे, इसके लिए शूलिनी सेवादल ने 7 मई, 2022 से रोजाना मालरोड पर शाम के समय मुफ्त भोजन दिया जाता है। सुशील चौधरी कहते हैं, मां शूलिनी के नगर में कोई भूखा न सोए। इसी सोच के साथ लोवर लगाया जा रहा है। वहीं, सेवा दल की ओर से सोलन और इसके साथ ही 20 किलोमीटर के क्षेत्रों के लिए मुफ्त शव वाहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
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