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काँगड़ाएक घंटा पहले
कांगड़ा माता की पिंडी पर माखन और मेवों से घृत मंडल।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ बृजेश्वरी देवी मंदिर में 7 दिवसीय जिला घृत मंडल पर्व शुरू हो गया। मकर संक्रांति की रात्रि मंदिर में स्थानीय प्रशासन द्वारा विशाल भगवती जागरण घोषित किया गया। रात को ही मंदिर के पुजारियों द्वारा लगभग 29 क्विंटल देसी घृत और शुद्ध पानी से 101 बार धोकर तैयार किए गए मक्खन से बृजेश्वरी माता की पिंडी पर घृत मंडल का कार्य शुरू किया गया, जो रविवार सुबह 5 बजे तक चलता रहा।




कांगड़ा मंदिर में मकर संक्रांति की रात को भगवती जागरण में भजन पढ़ते हुए।
पौराणिक कथा के अनुसार जब माता बृजेश्वरी राक्षस जालंधर के साथ युद्ध के दौरान घायल हुई थी तो उनके शरीर में कई गांव आ गए थे। उन घाव पर मक्खन का लेप डाला गया था। उसके बाद से यह परंपरा बृजेश्वरी मंदिर में यथावत जारी है। माता की पिंडी पर चढ़े मक्खन को नहीं खाया जाता है, बल्कि प्रसाद के रूप में इसे चर्म रोग, आंखों की रोशनी व शरीर में दर्द की रोकथाम में बहुत उपयोगी माना जाता है।




घृत मंडल के दर्शनों को कतारों मे बारी का इंतजार करते हैं।
जिला स्तरीय घृत मंडल पर्व 20 जनवरी तक होगा। पिंडी से माखन उत्पत्रित करदाताओं में वितरित किया जाएगा। शनिवार की रात को परिसर में विशाल भगवती जागरण का आयोजन हुआ। डीसी डॉक्टर डीसी जिंदल, एसएसपी समझदार शर्मा भी जागरण में हाजिरी लगे। प्रसिद्ध भजन गायक सुनील शर्मा, विशाल, तेज़ शाह कोटि, कुमार साहिल सहित कई कलाकारों ने प्रस्तुति दी। देर से आने वाले सदस्य रात तक जागरण में माता के भजनों पर झूमते रहे।
रविवार सुबह बृजेश्वरी मंदिर में जाग्रत मंडल को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रशासन ने खोला। एसडीएम नवीन तंवर ने बताया कि एक हफ्ते तक मंदिर परिसर में दोपहर और रात के लिए लंगर की व्यवस्था रहेगी। सुबह आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर प्रशासन द्वारा प्रसाद दिया जाएगा। कांगड़ा मंदिर के साथ ऐतिहासिक बाबा वीरभद्र शिव मंदिर, जयंती माता मंदिर में भी घृत मंडली है।
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