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शिमला, 2 जनवरी
डीजीपी संजय कुंडू ने आज यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल चीन के साथ साझा की जाने वाली 240 किलोमीटर की सीमा वर्तमान में लगभग ढाई साल पहले की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है।
उन्होंने कहा, “चीन के साथ राज्य की सीमा को सुरक्षित करने के लिए बहुत सारे उपाय किए गए हैं। यही एक प्रमुख कारण है कि सीमा के इस हिस्से में कोई गंभीर घटना नहीं हुई है।”
कुंडू ने कहा, ‘हमने केंद्र को 12 सिफारिशें भेजी थीं और मुझे खुशी है कि उनमें से ज्यादातर पर कार्रवाई की गई है।’ उन्होंने कहा, “पिछले ढाई वर्षों में, हमारी सड़क अवसंरचना और वायु रक्षा क्षमताओं में सुधार हुआ है।”
उन्होंने कहा, “अटल सुरंग के निर्माण के बाद खुफिया और संचार क्षमता बेहतर हुई है और लेह और लद्दाख तक पहुंच में सुधार हुआ है।”
उन्होंने कहा, ‘पुलिस कर्मियों को तिब्बती और चीनी भाषा सिखाने की व्यवस्था की गई है।’
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, जो चीन की सीमा के साथ गांवों में बुनियादी ढांचे और पर्यटन केंद्रों का निर्माण करना चाहता है, क्षेत्र में जनसंख्या की कमी की जांच करने में भी मदद कर रहा था।
2020 में, हिमाचल पुलिस की एक टीम ने पाया था कि आर्थिक अवसरों की कमी के कारण चीन सीमा से सटे गाँवों की आबादी कम हो रही थी और कई गाँवों में केवल बुजुर्ग महिलाएँ ही बची थीं। – टीएनएस
हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
- अप्रैल 2020 में, हिमाचल में चीनी हेलीकॉप्टरों द्वारा दो हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की सूचना मिली थी
- ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य पुलिस ने केंद्र को कई सिफारिशें की थीं
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